क्या आत्महत्या करने का ख्याल आसान है क्या हमें हमारे सगे-सम्बन्धियों से ऐसी बातें सुनकर अनसुना करना या नौटंकी कह देना चाहिए या एक समझदार नागरिक और शुभचिंतक होते हुए साइकेट्रिस्ट या किसी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इस एपिसोड में डॉ स्नेहा शर्मा से सुनिए कि हमें इसे पालन पोषण में कमी कह के ना बैठ कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए साथ ही होस्ट जयंती रंगनाथन से सुनिए की मोबाइल एडिक्शन या डिप्रेशन से कैसी दिक्कतें आ रही है